Not known Facts About baglamukhi sadhna
Not known Facts About baglamukhi sadhna
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उक्त’ कवच’ का पाठ कर अभिमन्त्रित ‘मक्खन’ पत्नी को खिलाने से विद्यावान्, स्वस्थ पुत्र की
स्तम्भन-बाणाय धीमहि कनिष्ठाभ्यां नमः
To save The traditional cultural custom of Vedic religion, it truly is our ultimate obligation to shield the virtues of sages. Obligation is also essential for the culture that responses the queries on the mysteries of the earth through intelligence and logic.
ज्वलत्-पद्मासन-युक्तां कालानल-सम-प्रभाम् । चिन्मयीं स्तम्भिनीं देवीं, भजेऽहं विधि-पूर्वकम्।।
ॐ अस्य श्रीबगला-मुखी-विश्व-विजय-कवचस्य श्रीभैरव ऋषिः, विराट्
The colour of Goddess Baglamukhi is yellow like gold, Hence the seeker ought to dress in yellow apparel though worshiping Mother Baglamukhi. Presenting yellow flowers and coconut pleases the goddess.
वृहस्पतिर्मातारश्वोत वायुस्संध्वाना वाता अभितो गृणन्तु ॥
शुद्ध-स्वर्ण-निभां रामां, पीतेन्दु-खण्ड-शेखराम् । पीत-गन्धानुलिप्ताङ्गीं, पीत-रत्न-विभूषणाम् ।।१
‘धरुणः पृथिव्याः’ पद पृथिवी तत्त्व की प्रतिष्ठा बताता है-‘प्रतिष्ठा वै धरुणम्’ (शतपथ ब्राह्मण ७-४-२-५)।
भगवती के ‘बगला-मुखी’ इस संज्ञा नाम की सिद्धि पर वैयाकरण लोग आपत्ति करते हैं कि यह नाम अशुद्ध है क्योंकि ‘नख-मुखात् संज्ञायाम्’ इस सूत्र से डीष्’ प्रत्यय का निषेध होकर आ-प्रत्यय होकर ‘बगला-मुखा’ ही नाम शुद्ध है, परन्तु ‘स्वाङ्गाच्चोपसर्जनादसंयोगोपधात्’ इस सूत्राधिकार से उक्त सूत्र की प्रवृत्ति होती है। यहाँ ‘मुखी’ शब्द स्वाङ्ग-वाची नहीं है। बगला के नि:सारण में ही ‘मुख’ शब्द का प्रयोग है। ‘मुखं निःसरणम् इत्यमरः’ तथा ‘मुखमुपाये प्रारम्भे श्रेष्ठे निःसरणास्ययोः इति हैमः ‘। उपाय, प्रारम्भ, श्रेष्ठ, नि:सरण और मुख के अर्थ में ही ‘मुख
ॐ ह्रीं ऐं श्रीं क्लीं श्रीबगलानने! मम रिपून् नाशय नाशय, ममैश्वर्याणि देहि देहि, get more info शीघ्रं
५. श्रीअचलायै नमः ‘पृथ्वी’ , ‘ब्रह्म-शक्ति’ को नमस्कार ।
११. श्रीभग-मालायै नमः ऐश्वर्य-धात्री-शक्ति को नमस्कार।
अम्बां पीताम्बराढ्यामरुण-कुसुम-गन्धानुलेपां त्रि-नेत्रां ।